भारत में तुलसी को कौन नहीं जानता, यह एक ऐसा पौधा है जिससे बच्चे, बूढ़े, जवान, हर उम्र के लोग परिचित हैं। हिन्दू धर्म के घरों में तुलसी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। 2014 में विश्वपूजनीय संत श्री आशारामजी बापू ने 25 दिसंबर के दिन तुलसी पूजन दिवस शुरू करवाया जो कि अब एक विश्वव्यापी उत्सव बन गया है।
विदेशी संस्कृति के बढ़ते चलन से , पाश्चात्य सभ्यता की ओर ले जाने वाले त्योहारों ने लोगों को पतन के रास्ते लगा दिया था । ऐसे में तुलसी पूजन दिवस की शुरुआत करके पूज्य बापूजी ने समाज पर जो उपकार किया है उसका ऋण ये समाज कभी नहीं चुका सकता । क्रिसमस के दिनो में मार्केट पूर्णतः सैंटा की टोपी, प्लास्टिक का क्रिसमस ट्री आदि अंधश्रद्धा बढ़ाने वाली सामग्री से भर जाता था। शॉपिंग मॉल, दुकानों, बाजारों, हर जगह क्रिसमस का माहौल बनाने के लिए यह सब सामान सजाए जाते हैं । यह सब पूर्णतया एक मार्केटिंग स्ट्रेटजी के तहत किया जाता है । ग्राहकों को और खासकर बच्चों को अपनी और आकर्षित करने के लिए यह अंधविश्वास की सामग्री को बड़े ही रंगीन तरीके से परोसा जाता है ।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई ।
तुलसी माता करे सबकी भलाई ।।
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