ज्ञात हो कि इन दिनों में बीते वर्ष की विदाई पर पाश्चात्य अंधानुकरण से नशाखोरी, आत्महत्या आदि की वृद्धि होती जा रही है। तुलसी उत्तम अवसादरोधक एवं उत्साह, स्फूर्ति, सात्त्विकता वर्धक होने से इन दिनों में यह पर्व मनाना वरदानतुल्य साबित होगा।
तुलसी बड़ी पवित्र एवं अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है। यह माँ के समान सभी प्रकार से हमारा रक्षण व पोषण करती है।
तुलसी के मिट्टी का तिलक हितकारी, तुलसी की लकड़ी लाभकारी, एवम यह एक रामबाण औषधि है ।
विश्वमानव के कल्याण के लिए पूज्य बापू जी का आह्वान हैः "25 दिसम्बर से 1 जनवरी तक तुलसी पूजन, जप माला पूजन, गौ पूजन, हवन, गौ गीता गंगा जागृति यात्रा, सत्संग आदि कार्यक्रम आयोजित हों, जिससे सभी की भलाई हो, तन तंदुरुस्त व मन प्रसन्न रहे तथा बुद्धि में बुद्धिदाता का प्रसाद प्रकट हो और न आत्महत्या करें, न गोहत्याएँ करें, न यौवन-हत्याएँ करें बल्कि आत्मविकास करें, गौ गंगा की रक्षा एवं विकास करें। गौ, गंगा, तुलसी से ओजस्वी तेजस्वी बनें व गीता ज्ञान से अपने मुक्तात्मा, महानात्मा स्वरूप को जानें।"
मानव जीवन के लिए परम आवश्यक
पूज्य बापू जी कहते हैं- “हम 1 दिन में लगभग 1.5 किलो भोजन करते हैं, 2 से 3 लिटर पानी पीते हैं लेकिन 21 हजार 600 श्वास लेते हैं। उसमें 11 हजार लिटर हवा लेते छोड़ते हैं, जिससे हमें लगभग 10 किलो भोजन का बल मिलता है। अब वह वायु जितनी गंदी (प्रदूषित) होती है, उतना ही लोगों का स्वास्थ्य और (वायुरूपी) भोजन खराब हो जाता है।”
शुद्ध वायु-प्राप्ति के उपाय
पूज्य बापू जी कहते हैं- “नीलगिरी (सफेदा) के वृक्ष वायु को गंदा करते हैं, जीवनीशक्ति हरते हैं। इसके विपरीत तुलसी, पीपल के पेड़ जीवनीशक्ति विपुल प्रमाण में देते हैं। अतः तुलसी, पीपल, नीम तथा आँवले के वृक्ष दिल खोलकर लगाने चाहिए।
ये वृक्ष लगाने से आपके द्वारा प्राणिमात्र की बड़ी सेवा होगी। खुद वृक्ष लगाना और दूसरों को प्रेरित करना भी एक सेवा है।
राष्ट्रीय कर्तव्य है पर्यावरण के लिए पेड़ लगाना। पेड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए और पर्यावरण के लिए वरदान हैं, आशीर्वाद हैं।”
देशव्यापी पर्यावरण-सुरक्षा अभियान
पूज्य बापू जी पर्यावरण सुरक्षा के सबल प्रहरी हैं। बापू जी वृक्षारोपण व हवामान-शुद्धि के लिए अपने सत्संगों में पिछले 50 वर्षों से विशेष जोर देते रहे हैं। इतना ही नहीं, अपने सभी आश्रमों तथा अन्य जगहों पर पीपल, नीम, आँवला, तुलसी आदि वृक्ष विशेष रूप से लगवाते रहे हैं। बापू जी अपने निवास स्थान के आसपास तुलसी वन लगवाते हैं और पेड़ पौधों का ध्यान भी रखते हैं।
सबकी भलाई हो, तन तंदुरुस्त व मन प्रसन्न रहे और न आत्महत्या करें, न गोहत्याएँ, न यौवन-हत्याएँ करें बल्कि आत्मविकास करें, गौ गंगा की रक्षा एवं विकास करें।
मानसिक अवसाद, आत्महत्या आदि से लोगों की रक्षा हो और लोगों को भारतीय संस्कृति के इस सूक्ष्म ऋषि – विज्ञान का लाभ मिले ।
तुलसी पूजन से बुद्धिबल, मनोबल, चारित्र्यबल व आरोग्यबल बढ़ेगा |
Indian professional wrestler
प्लास्टिक का पेड़ अगर ऑक्सीजन देने लगे तो क्रिसमस मना लेना,,,,,,वरना तुलशी के नीचे एक दीपक जला देना 25 दिसम्बर को प्लास्टिक ट्री नहीं प्रकृति की धरोहर तुलसी पूजन दिवस मनायें हमें गर्व है अपनी सनातन संस्कृति पर
Advocate
प्राचीन काल से ही घर के आँगन में तुलसी पूजन की परंपरा रही है। फिर चाहे वो किसी राजा का घर हो या किसी गरीब का। घर में तुलसी का पौधा रखना केवल धार्मिक रूप से ही नहीं अपितु वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी माना जाता है।
Former Member of the Lok Sabha
तुलसी सम्पूर्ण धरा के लिए वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मानव जीवन के लिए अमृत है। आज #तुलसी पूजन दिवस के पावन अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं